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Mr TK Arun,

रावण संहिता का प्रथम मन्त्र विशेष तेजस्वी सूर्या के लिए -

"ऊँ ह्यीं श्रीं ऐ वद्वद वाग्वादिनी क्रां क्लीं,

श्रीं श्रीं मम बुद्धि तुष्टि पुष्टि तुभ्यं फट् स्वाहा"

जय माँ सरस्वती समस्त जगत को बुद्धि-सद्बुद्धि प्रदान करो

शिव-हरी का संतूर और बासुरी की जुगल, लोकधुनों, शास्त्रीय और रवीन्द्र संगीत के साथ पाश्चात्य संगीत का बेहतरीन मिश्रण करने वाले सुर सम्राट का संगीत सुनें ...अंतर्मन के चक्षु खोलें और कृपया पहले "वेद" समझे फिर ज्ञान बांटे…

पुनः "वेद" का अर्थ समझने का प्रयास करें । अवश्य ही ज्ञान बोध होगा। किसी भी प्राणी को किसी प्रकार से श्रद्धा-भक्ति से विमुख रखना अधर्म है...और कोई भी वेद हमें अधर्म की शिक्षा नहीं देता ….

"धर्म" संम्बन्धित इस तरह का अज्ञान फैलाना भी "अधर्म" है...कृपया Tejaswi Surya, सभी नेता @BJP और @RSS के कार्यकर्ता इससे बचें

इस संदर्भ में...एक अच्छा उदाहरण - किसी भी वेद या किसी भी धार्मिक ग्रन्थ में दलितों के मंदिर प्रवेश पर कोई निषेधता नहीं है...अर्थ का अनर्थ करके "वेद" का ज्ञान बांटना अज्ञानियों का कार्य है..."वेद" समझने के लिए भाषा का ज्ञान आवश्यक है। वेदों को समझने के हेतु मनुष्य के लिए अध्यात्म का ज्ञान पाना आवश्यक है...

समस्त प्राणियों में परमात्मा वास करते हैं और परमात्मा को अपने ही दरबार में ना जाने की अनुमति कोई.....?

फैब इंडिया विज्ञापन पर की गई टिप्पणियाँ इस विशेष श्रेणी में आती हैं ….

This is a love-filled killer opinion piece for Bhartiya Yuva Morcha Chief and BJP MP from Karnataka, Tejaswi Surya, whom I did not vote for in the last assembly elections in Karnataka.

Also, for our PM, BJP politicos and RSS Sevaks including Pradhan Sevak.

Thank You. #ExcellentOpinionPiece #MustReadForAllIndians #ProgressionIsAMust #India

Your ardent admirer and loyal reader

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